Natarang Pratishthan Documentation Catalogue
Searching for "पणिक्कर" ... - Books (23)
Displaying records 6 - 10 of 23. Serial No: 6 Title: जयदेव तनेजा Writer/Editor: आधुनिक भारतीय रंग, परिदृश्य Publisher/Place: तक्षशिला प्रकाशन, नई दिल्ली Year: 14/06/1905 Source/Accession No: न.प Description/Notes: पृष्ठ-12(भारतीय रंगमंच की भूमिका)ः मलयालम रंगकर्म में सुरूचि, सार्थकता, व्यावसायिकता, आधुनिकता, कलात्मकता, सम्पन्नता के नए प्रयोग होने का उल्लेख। पृष्ट-22 (आधुनिक भारतीय रंगकर्मःवर्तमान परिदृश्य): पणिक्कर का काम राष्टँीय स्तर पर जाना माना ’कर्णभारम’ की प्रस्तुति से नई ताजगी और प्रतिभा का प्रमाणै। पृष्ठ-129 (कावालम नारायण पणिक्कर: मध्यमव्यायोग और मत विलास): एम.एस. विश्व भरम के अनुसार अनुष्ठान एवं आयारपूर्ण पारंपरिक नाट्य रूप की क्रिया प्रधान रंग शैली की प्राण प्रतिष्ठा में पणिक्कर का योगदान स्मरणीय। पृष्ठ-129: आधुनिक भारतीय रंगशैली की तलाश करने वाले केरल के मौलिक कवि, नाटककार, निर्देशक का व्यक्तित्व और कृतित्व। पृष्ठ-129ः क्ृडिय्याट्टम, कलरी और अन्य लोक नाट्य तत्वों का दिलचस्प, सार्थक और मौलिक प्रयोग। रंगकर्म के क्षेत्र में मौलिक और नया कर दिखाने की धुन। पृष्ठ-129: पहले ’सोपानम्’ और फिर 1960 के बाद ’तिस्वरंगु’ नाट्य संस्था की स्थापना। पृष्ठ-130: देश विदेश नाटकों के कथ्य, बिम्ब प्रधान, प्रतीक एवं उनकी संरचना में काव्यत्व और लयात्मकता के तत्व, मानवेतर प्रवृति। सृष्ठि का नाटकीय प्रयोग। पृष्ठ-130: द्वश्यांकन में कलात्मक सादगी और संगीत में महलन, चेड़ा आदि पारंपरिक वाद्यो का सूझ बूझ पूर्ण उपयोग। पृष्ठ-131ः 1975 में प्रकाशित ’अवनमन’ मिथवीय कथा वस्तु और लों नाट्य रूपों के उदार और रचनात्मक प्रयोग के लिए प्रशंसित। 1979 में लिखित ’पशुगायत्री’ का भानु भारती निर्देशित गवरी शैली में प्रस्तुत भेवाड़ी अनुवाद राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित। पृष्ठ-131: मलयालम में लिखे अपने मौलिक नाटक ’करीमकुट्टी’ से स्वयं लिखित और निर्देशन की शुरूआत। 1983 के संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार समारोह में इसका पुनः प्रदर्शन और प्रशंसित। पृष्ठ-131ः ’सोपानम’ द्वारा 1978 में प्रस्तुत मध्यम व्यायोग से कल्पनाशील, अन्वेषेक और प्रतिभावान नाट्य निर्देशक के रूप में पहचान। पृष्ठ-131-132ः कालिदास का ’शाकुन्तलम्’ भास का कर्णभारम और उरूभंगम् राष्ट्रीय ख्याति की प्रस्तुतियाँ। ’उरूभंगम्’ का अमेरिका में सफल प्रदर्शन। पृष्ठ-132ः ’सूर्यस्थानम्’ और दूतवान्यम् अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तुतियाँ। पृष्ठ-132ःयथार्थवादी नाटकों की जकड़न को तोड़कर लोक एवं पारंपरिक पद्धतियों के सार्थक उपयोग, आधुनिक भारतीय रंगशैली की मौलिक तलाश। पृष्ठ-132-133ः त्रिवेन्द्रम की नाट्य संस्था ’थ्रिवुरंग’ द्वारा भास के मध्यम व्यायोग को राष्ट्रीय ख्याति, ’कुडियान्तम’ और ’कथाकली’ का रचनात्मक उपयोग। पृष्ठ-134ः रा.ना.वि. रंगमंडल के साथ ’म्रन्तविलास’, नृत्य, गीत, संगीत, अभिनय, मुद्राओं और परंपरागत रंगरूढ़ियों विशिष्ट परिद्यान, रूप सज्जा के साथ सफलता पूर्वक प्रस्तुत। यह पणिक्कर का छठा संस्कृत नाटक था। पृष्ठ-134-135: महेन्द्र विक्रम वर्मन के ’मन्तविलास’ का नेमिचन्द्र जैन और उर्मिगुप्त के हिन्दी अनुवाद का पणिक्कर द्वारा सफल उपयोग। पृष्ठ-130: पारंपरिक लोक कलाओं के उपयोग के संबंध में पणिक्कर के कथन का उल्लेख। पहला ’साक्षी’ नाटक काव्य रूपक 1964 में प्रस्तुति। पृष्ठ-131ः 1973 में लिखित ’दैवन्तार’ से नई रंगशैली की स्थापना करने वाले रचनाकार के रूप में प्रतिष्ठा। Director/Actor being documented: कावालम नारायण पणिक्कर
Serial No: 7 Title: जयदेव तनेजा Writer/Editor: हिन्दी रंगकर्म: दशा और दिशा Publisher/Place: तक्षशिला प्रकाशन, नई दिल्ली Year: 10/06/1905 Source/Accession No: साहित्य अकादमी ।बबण् छवण्.़13777 Description/Notes: 357पृ0, 150/- संदर्भ पृ0-130, 157, 209, 218, 219, 313, 316, 318, 319, 320, 344, 345 Director/Actor being documented: कावालम नारायण पणिक्कर
Serial No: 8 Title: जयदेव तनेजा Writer/Editor: मनोहर सिंह Publisher/Place: राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, दिल्ली Year: 25/06/1905 Source/Accession No: न.प. Description/Notes: पृ0-84 निर्देशक और अभिनेता को मिलकर काम करना चाहिए। ’नटरंग के रूबरू’-कीर्ति जैन ने मनोहर सिंह से बातचीत में कहा कि पणिक्कर जी ने टैगोर के राजा के ’एसेंस’ को लेकर एक नई और बहुत ही छोटी स्क्रिप्ट तैयार की और अपनी विद्याओं को जोड़कर प्रदर्शन किया। 164पृ0, 37 फोटो 175.00/- Director/Actor being documented: कावालम नारायण पणिक्कर
Serial No: 9 Title: जयदेव तनेजा Writer/Editor: रंग साक्षात्कार Publisher/Place: किताब घर प्रकाशन, दिल्ली Year: 23/06/1905 Source/Accession No: न.प./1805 Description/Notes: पृ0-152ः (पुराने और नए का रचनात्मक टकराव जरूरी)ःमोहन महर्षि के अनुसार वह व्यक्तिगत रूप से प्रथम वर्ष के छात्रों का कवलम नारायण पणिक्कर के साथ काम करने के पक्ष मे नहीं। पृ0-154-156ः महर्षि के मत से वाचिक अभिनय के क्षेत्र में पणिक्कर संवेदनशी हैं। मोहन महर्षि ने प्रशिक्षण देने के लिए पणिक्कर को बुलाया। 327पृ0, 300/- Director/Actor being documented: कावालम नारायण पणिक्कर
Serial No: 10 Title: कृति आकृति: ललित कला और नाटक-रंगमंच 42 अनुशीलन Writer/Editor: ज्योतिष जोशी Language: हिन्दी Publisher/Place: पूर्वोदय प्रकाशन, दिल्ली Year: 24/06/1905 Source/Accession No: न.प. / 1935 Description/Notes: 175पृ0, पृष्ठ-106(भारतीय रंगकर्म की चीन्ताएँ): केरल में आयोजित ’नाटक भारती-2000’ में आठ दिवसीय नाट्य प्रदर्शन में पणिक्कर के निर्देशन में ’करीम कुट्टी’ के प्रदर्शन का उल्लेख। Director/Actor being documented: कावालम नारायण पणिक्कर
- Newspaper Clippings (24)
Displaying records 1 - 5 of 24. Serial No: 1 Writing Form/Subject: सम्मान Title: कावालम नारायण पणिक्कर का कालिदास सम्मान Newspaper Name: नव भारत टाईम्स Language: हिन्दी Date: 23.12.1995 Source: न.प. Description/Notes: मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कालिदास सम्मान Director/Actor being documented: के.एन. पणिक्कर
Serial No: 2 Writing Form/Subject: साक्षात्कार Writer: देवेन्द्र राज अंकुर Title: संस्कृत नाटक चुनौती देते हैं Newspaper Name: जनसत्ता, दिल्ली Language: हिन्दी Date: 21.11.1999 Source: न.प. Description/Notes: पेज नं0-7, स्वप्नकथा की मंच प्रस्तुति के लिए दिल्ली आगमन। ’’कलाकार एवं रचनाकार की भूमिका उत्प्रेरक जैसी’’। नाटककार के संकट और दायित्व को लेकर चर्चा। Director/Actor being documented: के.एन. पणिक्कर
Serial No: 3 Title: पणिक्कर संगीत नाटक अकादमी के नए उपाध्यक्ष Newspaper Name: नव भारत टाईम्स, नई दिल्ली Language: हिन्दी Date: 25.07.2004 Source: संगीत नाटक अकादमी Description/Notes: संगीत नाटक अकादमी का फेलो होने के साथ-साथ उनकी उपाध्यक्ष पद पर नियुक्ति। Director/Actor being documented: के.एन. पणिक्कर
Serial No: 4 Writing Form/Subject: रपट Writer: सुरेश अवस्थी Title: रंगकर्म: परंपरा का पुरूषार्थ Newspaper Name: नव भारत टाईम्स Language: हिन्दी Date: 02.05.1993, Source: न.प. Description/Notes: रंगकर्म की अस्मिता और परंपरा के पुरूषार्थ की खोज पर केन्द्रित लेख। कावालम नारायण पणिक्कर के नाटकों मध्यम वययोग, कर्णभारमृ, उरूभंगम् की चर्चा। Director/Actor being documented: के.एन. पणिक्कर
Serial No: 5 Writing Form/Subject: समीक्षा Title: भाषा के लिए पारदर्शी संसार Name of the Play/Event: उरूभंगम Newspaper Name: जनसत्ता, दिल्ली Language: हिन्दी Date: 27.09.1989 Source: न.प. Description/Notes: पेज नं0-7, भास के नाटक, निर्देशक-कावालम नारायण पणिक्कर। प्रस्तुति, भाषा, अनुवाद, संगीत, वस्त्र, विन्यास, प्रकाश, स्थान, तिथि-उ.न.। Director/Actor being documented: के.एन. पणिक्कर
- Periodicals (101)
Displaying records 1 - 5 of 101. Serail No: 1 Writing Form: सम्मान Title: कावालम नारायण पणिक्कर का कालिदास सम्मान Language: नव भारत टाईम्स Date: हिन्दी Volume: 23ण्12ण्1995 Source: नण्पण् Description/Notes: मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कालिदास सम्मान Director/Actor being documented: कावालम नारायण पणिक्कर
Serail No: 2 Writing Form: साक्षात्कार Writer: देवेन्द्र राज अंकुर Title: संस्कृत नाटक चुनौती देते हैं Language: जनसत्ताए दिल्ली Date: हिन्दी Volume: 21ण्11ण्1999 Source: नण्पण् Description/Notes: पेज नं0.7ए स्वप्नकथा की मंच प्रस्तुति के लिए दिल्ली आगमन। ष्ष्कलाकार एवं रचनाकार की भूमिका उत्प्रेरक जैसीष्ष्। नाटककार के संकट और दायित्व को लेकर चर्चा। Director/Actor being documented: कावालम नारायण पणिक्कर
Serail No: 3 Title: पणिक्कर संगीत नाटक अकादमी के नए उपाध्यक्ष Language: नव भारत टाईम्सए नई दिल्ली Date: हिन्दी Volume: 25ण्07ण्2004 Source: संगीत नाटक अकादमी Description/Notes: संगीत नाटक अकादमी का फेलो होने के साथ.साथ उनकी उपाध्यक्ष पद पर नियुक्ति। Director/Actor being documented: कावालम नारायण पणिक्कर
Serail No: 4 Writing Form: रपट Writer: सुरेश अवस्थी Title: रंगकर्मरू परंपरा का पुरूषार्थ Language: नव भारत टाईम्स Date: हिन्दी Volume: 02ण्05ण्1993ए Source: न.प. / Description/Notes: रंगकर्म की अस्मिता और परंपरा के पुरूषार्थ की खोज पर केन्द्रित लेख। कावालम नारायण पणिक्कर के नाटकों मध्यम वययोगए कर्णभारमृए उरूभंगम् की चर्चा। Director/Actor being documented: कावालम नारायण पणिक्कर
Serail No: 5 Writing Form: समीक्षा Title: भाषा के लिए पारदर्शी संसार Journal: उरूभंगम Language: जनसत्ताए दिल्ली Date: हिन्दी Volume: 27ण्09ण्1989 Source: न.प. / Description/Notes: पेज नं0.7ए भास के नाटकए निर्देशक.कावालम नारायण पणिक्कर। प्रस्तुतिए भाषाए अनुवादए संगीतए वस्त्रए विन्यासए प्रकाशए स्थानए तिथि.उण्नण्। Director/Actor being documented: कावालम नारायण पणिक्कर
- Scripts (2)
Displaying records 1 - 2 of 2. Serial No: 1 Play: आरणि (ग्रीक के पौराणिक नाटक पर आधारित) Source/Accession No: न.प./316 Description/Notes: कावालम नारायण पणिक्कर द्वारा आरणि के रूप में भारतीय रूपांतरण, 20 पृ0, आकार-30ग्21 से. मी. Director/Actor being documented: के.एन. पणिक्कर
Serial No: 2 Play: स्वप्न क्था Playwright: भारत रत्न भार्गव Source/Accession No: न.प./493.1 Description/Notes: भास द्वारा लिखित मूल संस्कृत नाटक ’प्रतिज्ञायौन्धरायण’ और ’स्वप्नवासव दत्ता’ पर आधारित पुर्नरचना। निर्देशन एवं परिकल्पना कावालम नारायण पणिक्कर। आलेख में निर्देशक के संशोधन हैं। 20 पृ0, आकार-30ग्21 से. मी. Director/Actor being documented: के.एन. पणिक्कर
Total records found: 150
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